Mission Moon: चंद्रयान-2 की कुल लागत हॉलीवुड मूवी एवेंजर्स एंडगेम के मुकाबले है आधे से भी कम
विदेशी मीडिया ने भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को हॉलीवुड फिल्म 'एवेंजर्स एंडगेम' से कम खर्चीला बताया है.
चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है (फोटो- इसरो).
चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है (फोटो- इसरो).
विदेशी मीडिया ने भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 को हॉलीवुड फिल्म 'एवेंजर्स एंडगेम' से कम खर्चीला बताया है. विदेशी मीडिया और वैज्ञानिक जर्नलों में चंद्रयान-2 की लागत को हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम के बजट के आधे से भी कम बताया है. भारत इस मिशन की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में आ जाएगा. समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक स्पूतनिक ने कहा, "चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की. यह लागत एवेंजर्स की लागत की आधी से भी कम है. इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर है."
भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 रोबोटिक अंतिरिक्ष खोज की दिशा में देश का पहला कदम है और यह ज्यादा जटिल व पेचीदा है. यह पूरा कार्य 16 मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा. पूरे देश की नजर इसकी ओर है. चांद की कक्षा की परिक्रमा करने वाला विक्रम रोवर पास करीब 6,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की परिक्रमा करते हुए खुद अपनी रफ्तार को कम और ज्यादा करने की क्षमता होगी और यह चांद के अपरिचित क्षेत्र में सुरक्षित उतर सकता है.
ये यान चंद्रमा के उस हिस्से पर लैंड करेगा, जिसे आज तक दुनिया के किसी भी देश ने एक्सप्लोर नहीं किया है. इस अभियान के तहत भारत के 13 वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा के बारे में अध्ययन करेंगे और ये नासा का एक लेजर उपकरण ले जाएगा. इसके लिए नासा से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के अंतरिक्ष यान ही चंद्रमा की सतह पर उतर पाए हैं.
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चंद्रयान 2 की विशेषताएं:
1. पहला अंतरिक्ष मिशन जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का संचालन करेगा.
2. पहला भारतीय अभियान, जो स्वदेशी तकनीक से चंद्रमा की सतह पर उतरा जाएगा.
3. पहला भारतीय अभियान जो देश में विकसित प्रौद्योगिकी के साथ चाँद की सतह के बारे में जानकारियां जुटाएगा.
4. चंद्रमा की सतह पर रॉकेट उतारने वाला चौथा देश.
लांचर -
GSLV Mk-III भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्चर है, और इसे पूरी तरह से देश में ही निर्मित किया गया है.
ऑर्बिटर -
ऑर्बिटर, चंद्रमा की सतह का निरीक्षण करेगा और पृथ्वी तथा चंद्रयान 2 के लैंडर - विक्रम के बीच संकेत रिले करेगा.
विक्रम लैंडर -
लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर भारत की पहली सफल लैंडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है.
प्रज्ञान रोवर -
रोवर ए आई-संचालित 6-पहिया वाहन है, इसका नाम ''प्रज्ञान'' है, जो संस्कृत के ज्ञान शब्द से लिया गया है.
09:04 AM IST